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“गोपाष्टमी”- जगतगुरु भगवान श्रीकृष्ण के गौ प्रेम और चारण लीला प्रारम्भ दिवस !!

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!! गौ उत्सव की बधाई !! "गाय मेरे आगे रहे, गाय मेरे पीछे रहे गाय मेरे हृदय में रहे और मैं गायों के मध्य निवास करूँ" -  श्रीकृष्ण भगवान के ये वचन गौ माता की महिमा का वर्णन करते हैं। गोपाष्टमी के दिन गायों की पूजा की जाती हैं ।  गायों को सुसज्जित कर उनकी पूजा करके उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की जाती हैं  क्योंकि गाय ही ऐसा प्राणी हैं जो कि पूजनीय मानी जाती   हैं। गौ माता के दूध, दही, गोबर यहाँ तक कि गौ झरण भी उपयोग में आता हैं, गौ हम सबका पालन पोषण करती हैं इसलिए उसको माँ कहा जाता हैं और उनकी सेवा की जाती हैं। गौ माता की सेवा से इस पृथ्वी का कोई भी ऐसा सुख नहीं हैं जो प्राप्त नहीं किया जा सके चाहे वो आध्यात्मिक विकास हो या आर्थिक या स्वास्थ्य।   गोपाष्टमी 2021 कब हैं (Gopashtami 2021 kab hai):   गोपाष्टमी कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाई जाती हैं। इस वर्ष 2021 में गोपाष्टमी 11 नवंबर को मनाई जाएगी। अष्टमी तिथि समाप्त  : प्रातः 05.51 नवंबर  12, 2021 अष्टमी तिथि प्रारम्भ  : प्रातः 06.49  नवंबर 11, 2021 गोपाष्टमी क्यों मनाई जाती हैं...